आज 15 मई को सुबह 7:30 बजे मैं (संजू) और माही फिर से लंबे दिनों का ट्रिप प्लान कर के घर से निकल पड़ें। इस बार की ट्रिप इंडिया से बहार का था यानि कि भारत के पडोसी देश नेपाल का था जो की अन्नपूर्णा ट्रैकिंग की थी , इसलिए इस बार थोड़ा ज्यादा एक्ससिटेमेंट […]
आज 15 मई को सुबह 7:30 बजे मैं (संजू) और माही फिर से लंबे दिनों का ट्रिप प्लान कर के घर से निकल पड़ें। इस बार की ट्रिप इंडिया से बहार का था यानि कि भारत के पडोसी देश नेपाल का था जो की अन्नपूर्णा ट्रैकिंग की थी , इसलिए इस बार थोड़ा ज्यादा एक्ससिटेमेंट और नया एक्सपीरिसंय की ख़ुशी थी। हम दोनो के साथ मेरी एक फ्रेंड भी साथ जाने वाली थी,तो यह ट्रिप और भी खास बन गया,लेकिन हमारी फ्रेंड रास्तें में मिलने वाली थी,क्योकि वह छत्तीसगढ़ से आ रही थी। उसके मिलने के बाद हम तीनों एक साथ भारत से नेपाल की यात्रा शुरू करेंगे।
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वहीं मैं(संजू) और माहि मैडम नोएडा से अपनी कार से नेपाल ट्रिप के लिए निकल पड़े। रास्ता बहुत लम्बा तय करना था इसलिए हमलोग आराम से कार ड्राइव कर,रास्तें में रुक कर चाय नास्ता किए फिर आगे की सफर जारी किए। कुछ घंटे कार ड्राइव करने के बाद लंच का टाइम भी हो गया और हमदोनों को भूख भी लग गई तो हमने रास्तें में एक अच्छा सा ढाबा देखकर कार साइड में लगा कर खाना खाएं ,थोड़ी देर आराम किया। फिर वहां से निकल पड़े, जहां हमारी फ्रेंड आने वाली थी वह के लिए।
हमलोग रात को करीब 10 :30 बजे के आस पास जहां दोस्त आने वाली थी वहां पहुंचे। हमारी दोस्त उत्तरप्रदेश के नौतनवा रेलवे स्टेशन पे आने वाली थी। हम दोनों स्टेशन पहुंच कर,उन्हें लेने गए। इसके बाद हमलोग वहां से होटल के लिए निकल पड़े,दरअसल मैं और माही रेलवे स्टेशन जाने से पहले ही रहने के लिए होटल बुक कर लिए थे। ताकि आने के बाद रुकने की दिक्कत न हो। इसके बाद हमलोग ने होटल पे आ कर खाना खाया और सो गया। फिर अगली सुबह हम तीनों नास्ता कर के नेपाल के पोखरा के लिए निकल पड़े। जो कि नौतनवा से लगभग 192 किलोमीटर दूर था , यहां जाने में काम से काम 6-7 घंटे लगता है।
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दरअसल हमलोगों का अन्नपूर्णा ट्रैकिंग के लिए नेपाल के पोखरा जाना होगा ,क्योकि यह ट्रेक पोखरा से कुछ किलोमीटर दूर से शुरू होती है। इसलिए हमे पहले पोखरा जाना होगा। इसलिए हम लोग सुबह होती से आगे की सफर जारी कर दिए। सबसे पहले हम लोग भारत नेपाल के बॉडर पहुचें। वहां पर मैंने कार का डॉक्यूमेंट बनवाया । क्योकिं मेरी कार भारत की थी तो वहां के कानून के अनुसार जो डॉक्यूमेंट उन लोगों ने बनवाने बोलें मैंने उससे बनवाया। इसके बाद हमने कुछ पैसे को नेपाल के पैसे से एक्सचेंज किया। जो वहां घूमने के टाइम हमारे काम आएगा। इसके बाद हमलोग बॉडर से पोखरा के लिए निकल पड़े। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की पोखरा कहाँ से यह क्यों फेमस है, तो हम आपको इसके बारें में बतातें है ,और अन्नपूर्णा ट्रेक पोखरा के किस जगह से शुरू होता है।
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यात्राएँ सिर्फ़ जगहों को देखने के लिए नहीं होतीं, बल्कि यादें बनाने और अनुभवों को जीने के लिए होती हैं। मैं, माही मैडम और रूबी का नोएडा से नेपाल (पोखरा) तक का सफ़र भी कुछ ऐसा ही रहा रोमांच, दोस्ती, हँसी और ढेर सारी मस्ती से भरा हुआ। जबकि अभी हमारी ट्रेकिंग बाकि ही है। हम तीनों खूब मजे से सफर को एन्जॉय कर रहें थे। ऐसे ही शाम हो गई और हम पोखरा पहुंच गए जहाँ हमने पहले से रुकने के लिए होलटे बुक कर रखा था। इसके बाद वहां जा कर हमलोग आराम किये क्योकिं अगले दिन हमे ट्रेक के लिए निकलना था साथ ही जब हम नेपाल में इंट्री किये थे तभी हमें एक गाइड करने वाला मिल गया था जो हमे यहाँ के रास्तें ,यहाँ के चीज़ों के बारें में बता रहा था। वहीं गाइडर हमे यह भी बताएगा की पोखरा के किस जगह से ट्रैकिंग शुरू होती और वहां तक कैसे जाना है। तो पहले जानते है पोखरा के बारे में।
पोखरा को “झीलों का शहर” कहा जाता है। यहाँ फेवा झील (Phewa Lake) पर नाव की सवारी और झील में बर्फ़ से ढके अन्नपूर्णा पर्वत शृंखला का प्रतिबिंब देखना एक जादुई अनुभव सा होता है। जब हम पोखरा में इंट्री किए थे तभी कुछ दूर चलने के बाद हमे फेवा झील देखा था। जिसका नज़ारा देख कर आँख खुली की खुली रह गई। हमलोगों को यह झील बहुत ही अच्छा लगा। फिर हम तीनों ने यहाँ कुछ फोटो वीडियो बनाया और फिर आगे के सफर के लिए निकल पड़े। पोखरा नेपाल का सबसे अच्छा शहर माना जाता है।
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पोखरा की असली रोमांच की शुरुआत अगली सुबह से हुई। जब हमलोग अन्नपूर्णा ट्रैकिंग के लिए निकले ,रास्तें में घने जंगल, बहते झरने और छोटे-छोटे गाँव मिले। वहां के लोकल लोगों की मेहमाननवाज़ी और उनकी मुस्कान ने सफर को और भी खास बना दिया। साथ ही हर मोड़ पर हिमालय की नई-नई चोटियाँ नज़र आ रहीं थी ,मानो प्रकृति हर कदम पर नया सरप्राइज दे रही हो। हमें पोखरा से घांड्रुक तक की सफर करना था जो वहां के लोकल बस के साथ करना था। इसके बाद एक खूबसूरत गुरुंग गाँव है, जहाँ आवश्यक जांचें की जाती हैं। इसके बाद ही हमलोग ट्रेकिंग की शुरुआत कर सकतें थें। जो पोखर के गुरुंग से अन्नपूर्णा बेस कैंप तक होगा। इसके बाद धीरे धीरे आगे की सफर करेंगे। क्योकि यह ट्रेक बहुत लम्बा है ,जो एक दिन में नहीं हो सकता है।
ans .पोखरा (Pokhara) नेपाल का एक बहुत ही खूबसूरत शहर है, जो हिमालय की गोद में बसा है और Annapurna Base Camp Trek समेत कई ट्रेकिंग रूट्स का गेटवे (मुख्य शुरुआती पॉइंट) माना जाता है।
ans .आमतौर पर यह ट्रेक 7 से 12 दिन का होता है, यह इस पर निर्भर करता है कि आप कौन-सा मार्ग चुनते हैं और कितना समय देते हैं।
ans . ज़्यादातर लोग Annapurna Base Camp Trek की शुरुआत पोखरा से करते हैं। पोखरा से छोटे गाँवों तक जीप/बस से जाकर फिर पैदल सफर शुरू होता है।