हमारी खीरगंगा ट्रेकिंग ट्रिप का शानदार अनुभव सुबह 6 :30 बजे माही मैडम के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत की। माही मैडम का ट्रिप के प्रति दीवानगी मेरी ट्रिप को ओर भी रोमांचक बना देती है तो आइए जानते है खीरगंगा के कुछ विशेष जानकारी …. Read More Article: मेकअप आर्टिस्ट्री का कोर्स करते समय […]
हमारी खीरगंगा ट्रेकिंग ट्रिप का शानदार अनुभव सुबह 6 :30 बजे माही मैडम के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत की। माही मैडम का ट्रिप के प्रति दीवानगी मेरी ट्रिप को ओर भी रोमांचक बना देती है तो आइए जानते है खीरगंगा के कुछ विशेष जानकारी ….
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खीरगंगा ट्रैकिंग के लिए लोग बहुत दूर -दूर से आते है। यहां आप नेचर के साथ -साथ एडवेंचर का लुप्त उठा सकते है। खीरगंगा ट्रैक हिमाचल के सबसे खूबसूरत ट्रैकिंग वाले जगह में से एक है।जहां आपको ट्रैक के दौरान चारों ओर विशाल पर्वत देखने को मिलेंगे, गर्म पानी के कुंड व प्रकृति की ओर से मिल रही ताजी मन मोह लेने वाली वातावरण होता है ,लेकिन यह ट्रैक पार्वती घाटी में स्थित है। जहां जाने के लिए सबसे पहले आपको कसोल से 10 किमी के ट्रैक को पार करना होता है तब आप खीरगंगा ट्रैक का मजा उठा पाएंगे।
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तो चलिए आपको इस लेख में आगे बताते हैं कि खीरगंगा जाने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है, सुविधाजनक रूट्स और ठहरने के लिए कौन सी जगह बेस्ट है।
दिल्ली से खीरगंगा जाने का कुल खर्च ट्रैन ,बस या टैक्सी पर निर्भर करता है। लेकिन आपको दिल्ली से सीधे खीरगंगा जाने के बजाय पहले कसोल जाना होगा, फिर वहां से बरशैणी तक टैक्सी या बस लेनी पड़ेगी। उसके बाद खीरगंगा तक ट्रेक करना होगा। यह ट्रेक आसान और रोमांचक होता है। वही दिल्ली से कसोल तक बस या टैक्सी से जाने में लगभग 12-14 घंटे का समय लगते हैं। जिसका किराया लगभग ₹550-1,700 प्रति व्यक्ति लग सकता है, वहीं टैक्सी का किराया इससे अधिक भी हो सकता है। इसके बाद कसोल से बरशैणी तक बस या टैक्सी से जाने में लगभग 20-30 मिनट लगते हैं, जिसका खर्च टैक्सी या बस पर निर्भर करता है।
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दिल्ली से खीरगंगा जाने के बीच रस्ते में कोई सरे होटल और ढाबा है जिसका खाना बहुत ही शानदार है, लेकिन हमने अमृतसर ढाबा पर रूककर नास्ता किया। जहां ढाबे की पारंपरिक डिशेज़ और तरो ताजगी से भरा माहौल ने हमारी सुबह को और भी यादगार बना दिया। माही मैडम हमेशा खाने की नई चीज़ें ट्राय करने में आगे रहती हैं, और यहां का देसी खाना आलू पराठा बहुत ही स्वदिस्ट था जो उन्हें बहुत पसंद आया। नाश्ता के बाद हमलोग आगे बढे लेकिन आगे बढ़ते ही बहुत जाम मिला। फिर आगे कुछ दूर बढ़ कर हमलोगों ने चाय का आनंद लिया और अपनी सफर को जरी रखा। इसके बाद हमलोग कसोल पहुंच गए जहाँ मैंने (संजू ) एक सुन्दर सा होटल बुक किया और एक रात वहां रूककर आराम किया फिर अगली सुबह हमने अपनी यात्रा आगे बढ़ाया।
खीरगंगा के आस-पास रहने के लिए कई सरे विकल्प है लेकिन सबसे अच्छे “खेरगंगा हाइक कैंप” और “शिवार शांति कैंप” है इसके जैसे कई कैंपिंग स्थान शामिल हैं, जो एक अनोखा और शानदार अनुभव प्रदान करते हैं। आप इसके अलावा, “ओल्डब्रह्मा होमस्टे” और “द होली माउंटेन होमस्टे” जैसे होमस्टे भी ठहरने के लिए अच्छे बुक कर सकते हैं, यह खासकर उन यात्रियों के लिए है जो पहाड़ी अनुभव लेना चाहता हो।
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खीरगंगा एक रोमांचक ट्रेकिंग के लिए जाना जाता है ,जहां गर्म पानी के झरने, शिव मंदिर और रुद्रनाग झरने के प्राकृतिक सौंदर्य के मन को मोह लेता है। बता दे कि खीरगंगा तक कोई मोटर वाहन सड़क नहीं है, इसलिए वहां जाने के लिए बरशैणी से ट्रेक करना होता है। जिसे आप रास्ते में प्रकृति के सुंदर दृश्यों का अनुभव कर सकते हैं और कैंपिंग का आनंद भी लें सकते है। अगर आप फोटो का शोकिन है तो खीरगंगा घूमने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। तो हैं अगले दिन करीब 12 बजे के आस पास खीरगंगा पहुंचे और अपना ट्रेकिंग शुरू किये। कुछ घंटे का कड़ी मेहनत करने के साथ -साथ रोमांचक दृश्य को देखते -देखते हमलोग खीरगंगा पहुंच गए। रास्ते में हमने झरना, मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य का खूब लुप्त उठाया।
जब अगली सुबह सो के उठा तो मौषम को देखकर दिल ख़ुशी से खिल उठा। माही मैडम को बहुत ख़ुशी मिली जो भी ट्रेक कर के थाकन हुआ था ,सुबह उठ के सब थकान भूल गए। फिर हमलोग ने यह से जाने की तैयारी शुरू की िलेकिन इससे पहले माही मैडम के साथ बहुत सारे फोटो क्लिक कराये।क्योकि मैडम को फोटो का बहुत शौक है और साथ में हम इस यादगार पलों के साथ वापस अपने घर के लिए रवाना हो गए। अगर आप भी कही घूमने का मन बनना रहे तो एक बार खीरगंगा का ट्रैकिंग जरूर करें।