जब मैं (संजू) अन्नपूर्णा बेस कैंप से वापस आया और आराम कर लिया तो सोचा एक दिन झीलों के शहर को भी घूम लिया जाए। फिर मैंने इस प्लान को माही और रूबी से बताया। तब उन लोगों ने भी बोला ,हाँ चलते है घूमने के लिए ,फिर हमलोग रेडी हो कर पोखरा घूमने के […]
जब मैं (संजू) अन्नपूर्णा बेस कैंप से वापस आया और आराम कर लिया तो सोचा एक दिन झीलों के शहर को भी घूम लिया जाए। फिर मैंने इस प्लान को माही और रूबी से बताया। तब उन लोगों ने भी बोला ,हाँ चलते है घूमने के लिए ,फिर हमलोग रेडी हो कर पोखरा घूमने के लिए निकल गए। वैसे आप लोगों को पता ही होगा की नेपाल का खूबसूरत शहर पोखरा (Pokhara) अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियों और शांत झीलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसीलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। हम आपको इस ब्लॉग के द्वारा बतायेंगें की हमलोग पोखरा में कहां -कहां घूमे और यहाँ कौन सी जगह फेमस है घूमने के लिए। साथ ही पोखरा के बारें में भी बतायंगे तो जानते है।
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ऐसा कहां जाता है कि पोखरा का इतिहास सदियों पुराना है, यह लगभग 17वीं और 18वीं शताब्दी में चीन और भारत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग पर स्थित एक केंद्र था, जो कास्की राज्य का हिस्सा हुआ करता था। अभी भी पोखरा में 17वीं सदी की कई पहाड़ियों में मध्ययुगीन काल के खंडहर पाए जाते हैं, जो यहां के प्राचीन इतिहास की ओर इशारा करते है। आज, पोखरा नेपाल का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपनी झील, पहाड़ियों, और ट्रेकिंग के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां हर दिन 100 से अधिक पर्याटक भ्रमण के लिए आते हैं। यहां घूमने के लिए झील ,मंदिर और कई सारे जगह फेमस है।
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पुमदिकोट शिव मंदिर (pumdikot )
मनकामना भगवती मंदिर (Manakamana Temple)
फेवा झील (Phewa Lake)
डेविस फॉल्स (Devi’s Fall)
अंतर्राष्ट्रीय पर्वत संग्रहालय (International Mountain Museum)
वर्ल्ड पीस पगोडा (World Peace Pagoda)
बिंदाबासिनी मंदिर (Bindabasini Temple)
सरांकोट (Sarangkot)
इन सभी जगह में से मैं (संजू) एक जगह घूमने गया। जो पुमदिकोट शिव मंदिर था। यह मंदिर नेपाल के सबसे ऊंची मंदिरों में से एक है। यहाँ लोग बहुत दूर-दूर से घूमने के लिए आतें है। ऐसा कहां जाता है जो कोई पोखरा घूमने आता है इस मंदिर में एक बार जरूर आतें है। इस मंदिर के ऊपर से पूरा पोखरा दिखाई देता, साथ ही आस पास के सभी लेख भी दिखाई देते है। तो जानते है इस मंदिर के बारें में।
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पुमदिकोट शिव मंदिर पोखरा के दक्षिण में स्थित एक पहाड़ी स्थल है, जो समुद्र तल से लगभग 1500 मीटर (4921 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ स्थापित भगवान शिव की मूर्ति नेपाल की दूसरी सबसे ऊँची शिव मूर्ति है, जिसकी कुल ऊँचाई 108 फीट है। इसमें 51 फीट ऊँची शिव की मूर्ति और 57 फीट ऊँचा श्वेत स्तूप भी शामिल है। ऐसा कहाँ जाता है कि इस मंदिर परिसर में 108 शिवलिंग भी स्थापित हैं, जो इसकी धार्मिक महत्त्व को ओर बढ़ता है। यहं से पर्यटकों को अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला, माछापुच्छ्रे (फिशटेल) और धौलागिरी की बर्फीली चोटियों का अद्वितीय दृश्य दिखाई देता है। इसके अलावा, यहाँ से पोखरा शहर और फेवा झील का भी मनोरम दृश्य भी दिखाई देता है।
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यहां तक पहुँचने के लिए पोखरा के लेकसाइड से लगभग 10.5 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। अगर आप कार से यहाँ जा रहें है तो लगभग 30 मिनट का समय लगता है। इसके अतिरिक्त, पर्यटक यहाँ तक पहुँचने के लिए ट्रैकिंग या हाइकिंग का विकल्प भी चुनते है। हमलोग भी अपने कार से यहाँ गए थे। इसलिए यहाँ जाने में लगभग 30 मिनट का समय लगा। मंदिर पहुंच कर सबसे पहले हमलोगों ने दर्शन किया इसके बाद यहाँ से आस पास के नज़ारों को देखा और फोटो वीडियो बनाया। इसके बाद हमलोग यहाँ से निकल गए दूसरी जगह घूमने के लिए। इस बीच हमलोग रास्तें में चाय पिया और जलेबी खाया। इसके बाद हमलोगों मनकामना मंदिर घूमने गए।
नेपाल के गोरखा जिले में स्थित मनकामना भगवती मंदिर पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है, जो पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यह मंदिर भक्तों की इच्छाएं पूरी करने के लिए जाना जाता है। यह पोखरा शहर से लगभग 80-94 किलोमीटर दूर है और काठमांडू से भी पहुँचा जा सकता है। आप कुरिन्तार से केबल कार लेकर मंदिर तक जा सकते हैं। यहाँ एक झरना भी है जो अन्नपूर्णा से आती है. यह मंदिर देखने में बहुत सुन्दर है ,यहाँ आने के बाद हमसभी को बहुत अच्छा लगा। इसके बाद हमलोग यहाँ से निकल गए वापस आने के लिए।
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आज ही हमें पोखरा से वापस नोएडा के लिए निकलना था। इसलिए हमलोग जल्दी से मंदिर से निकल कर वापस होटल गए। वहां से अपने सारा सामान लिया इसके बाद हमलोग वापस अपने घर के निकल गए। फिर रास्तें में रुक कर खाना खाया। हमलोग करीब 1 बजे दिन में पोखरा से निकल गए थे और शाम को करीब 7 :30 बजे के आस पास नेपाल और भारत का बॉडर पार किया।
Ans . पोखरा को “झीलों का शहर” कहा जाता है। यहाँ की शांत झीलें, हिमालयी चोटियों के अद्भुत दृश्य और साहसिक गतिविधियाँ इसे खास बनाती हैं।
Ans . पुमदिकोट शिव मंदिर ,मनकामना मंदिर , फेवा झील, डेविस फॉल्स, गुप्तेश्वर गुफा, वर्ल्ड पीस पगोडा, सरांकोट, अंतर्राष्ट्रीय पर्वत संग्रहालय और बिंदाबासिनी मंदिर।
Ans . यहां घूमने का अक्टूबर से अप्रैल तक का समय सबसे उपयुक्त है, जब मौसम साफ होता है और हिमालयी दृश्य स्पष्ट दिखाई देते हैं।
Ans . माही और संजू के लिए पोखरा की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और रोमांच का अनोखा संगम ,झीलों, झरनों और मंदिरों ने उनकी यात्रा को यादगार बना दिया।